मना होता बाधा | सहा विकारांची | ओढ ऐहिकाची | तया लागे ||१||
कामवासनेत | मन मग्न झाले | रसातळा गेले | तत्चारित्र्य ||२||
विनाशाची ओढ | मना लागे सत्य | क्रोधे ज्यास नित्य | व्यापियले ||३||
नश्वराचा लोभ | ग्रासतो मनास | नासते सुख़ास | मोहमाया ||४||
मन अहंकारी | मदात दंगले | मत्सरी रंगले | आत्ममग्न ||५||
चंचळ हे मन | प्रपंचास भाळे | एक त्यां सांभाळे | वक्रतुंड ||६||
मनास लागता | ओढ विकटाची | संपेल जीवाची | तगमग ||७||
मायाजालातूनी | जीव मुक्त व्हावा | म्हणोनी स्मरावा | एकदंत ||८||
3 comments:
आज एकदम अध्यात्माचा रंग, पण सुंदरच आहे अभंग.
अभंग खरंच अ-भंग आहे! खूप आवडला.
Sunder Abhang!! Aawadla.
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